पंडरिया!जैसे-जैसे सूरज का पारा चढता जा रहा है और तापमान बढ रहा है वैसे-वैसे जंगल में लगी आग भी दहक रहे हैं। जंगल में लगी यह आग जिले की गर्मी को बढ़ाने में आग पर घी डालने का काम कर रही है। बता दें कि जहां एक और जंगल में लगी आग से बहुमूल्य संपदा जलकर नष्ट हो रही है वहीं दूसरी और पशु-पक्षी और जंगलों में रहने वाले जानवरो के जीवन पर संकट मंडराने लगा है ।
इन दिनों विकास खंड पंडरिया क्षेत्रांतर्ग वन विकास निगम के घने जंगलों में गर्मी का प्रकोप बढ़ जाने से वन विकास निगम पड़रिया रेंज के घने जंगलों में चारो ओर आग धधक रहे हैं. वनों में आग लगने की घटना के कारण एक तरफ हरे भरे जंगलों का क्षति हो रहा है तो वही वन्य प्राणियों की जान पर भी खतरा बढ़ रहा है जिसके कारण वन्य जीव मैदानी इलाकों की ओर रुख कर मौत को बुलावा दे रहे है।
जानकारी के मुताबिक, गंगापुर,देवसरा ,सिहरा पारा,भाजी डोंगरी जंगल में भीषण आग लगी हुई है. आग की लपटें तेजी से हरे भरे जंगल को जलाकर राख में तब्दील कर रहा है । वनकर्मी अपने कर्तव्यों का पालन करने के बजाय नादारत रहते हैं ऐसा नहीं कि इसकी खबर सम्बंधित अधिकारी को न हो ख़बर होने के बावजूद इनके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई कार्यवाही नहीं करते जिसके कारण इनके हौसले बुलंद होते है जा रहे है।
राज्य सरकार व केंद्र सरकार द्वारा आग में काबू पाने के लिए प्रतिवर्ष किया जाता है लाखो रुपए का खर्च
पंडरिया वनपरिक्षेत्र में जगह-जगह वन अमले की लापरवाही देखने को मिल रही है। वनों को आग से बचाने के लिए राज्य व केंद्र सरकार से बजट अनुसार लाखों रुपये खर्च भी किऐ जा रहे हैं, बावजूद लापरवाह वन विकास निगम वनों में लग रहे आग को रोक पाने में नाकामयाब हो रहे है. जिमेदार आधिकारी कर्मचारियों की इस नाकामी को देख कर वन प्रेमियों में आक्रोश बढ़ने लगा है। जंगलो में लगी आग से शाम तक धूंए का गुबार उठता रहता है। जगह जगह आग लगने के बावजूद वन विभाग के कर्मचारी नादारद रहते हैं ।
अधिकारी कर्मचारी मुख्य कार्यालय में बैठे ऐसी की ठंडक हवा का लुप्त उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। गर यही हाल रहा तो दिख रहे घने जंगल में सिर्फ राख बच जाएगा । लगातार हो रहे आगजनी से वन संपदा को नुकसान होने के बावजूद वन विभाग के द्वारा कोई ठोस कदम न उठाए जाने से आस पास में बसे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है क्षेत्रवासियों में वनकर्मियों को लेकर खासी नाराजगी है।